Rajani katare

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बात बोले हम न बोले

                "बात बोले हम न बोलें"

बातों ने बातों से कहा,
बात बोलेगी,
हम नहीं बोले जनाब,

आँखों ने आँखों से,करीं बातें,
आँखों ही आँखों में,हो गयीं मुलाकातें,
आँखों ने झपकायीं पलकें,
कर दिया नमन,

बातों ने बातों से कहा,
बात बोलेगी,
हम नहीं बोले जनाब,

आँखों के, शर्मोंहया के पर्दे,
उठकर भी होते नहीं,कभी मुखातिब,
क्या कहें,धीरे से मुस्कुराना,
गजब ढा गया,

बातों ने बातों से कहा,
बात बोलेगी,
हम नहीं बोले जनाब,

आँखों की भाषा,चेहरे के भाव,
किस कदर आते जाते, कितने हाव भाव,
कभी खुशहाल,कभी संजीदगी,
कातिलाना होते अंदाज,

बातों ने बातों से कहा,
बात बोलेगी,
हम नहीं बोले जनाब,

अंतर्मन के भाव, उद्वेलित होते,
कशमकश उद्विग्न हो, आ जाते बाहर,
कैसे नज़र न आयें,अक्स उनका,
भीतर दहल जाते,

बातों ने बातों से कहा,
बात बोलेगी,
हम नहीं बोले जनाब,

कहने को हम, क्या बोलें यारों,
आँखें बोली,आँखें बोलीं हम न बोले,
चेहरे ने राज़, खोल दिया,

बातों ने बातों से कहा,
बात बोलेगी,
हम नहीं बोले जनाब ।

   काव्य रचना-रजनी कटारे
        जबलपुर ( म.प्र.)

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2 Comments

Niraj Pandey

02-Nov-2021 04:13 PM

बहुत खूब

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खूबसूरत पंक्तियाँ 👌👌

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